प्रमुख जिला व सत्र न्यायधिश, गोंदिया का 8 साल बाद आया फैसला…
गोरेगाँव पुलिस ने वादी की रिपोर्ट पर अप. क्रमांक-39/2016 धारा-304(बी), 498(ए), 34 आईपीसी दिनांक 11/06/2016 को मुकदमा दर्ज किया गया…
वरिष्ठजनों के निर्देशानुसार उक्त अपराध की विवेचना की गयी. अभियुक्तगण के विरूद्ध गवाह साक्ष्य एकत्रित कर अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप पत्र तैयार किया गया। न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई. उक्त प्रकरण को लेकर माननीय कोर्ट में केस नं. : 97/2017 के तहत मुकदमा चलाया गया।
उक्त मामलों में अदालती प्रक्रिया की बहस के बाद मजबूत गवाह साक्ष्य अपराध में अभियुक्तों के खिलाफ साबित होते हैं..मा. मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वानखेड़े, साहेब, न्यायालय गोंदिया द्वारा उक्त प्रकरण का निर्णय कर दिनांक 15/04/2024 को निम्नलिखित आदेश पारित किया गया।
अभियुक्त क्रमांक 1 को धारा 304 “बी” के अंतर्गत 10 वर्ष कारावास एवं धारा 498 के अंतर्गत 3 वर्ष कारावास एवं 2000 जुर्माने की सजा सुनाई गई एवं आरोपी क्रमांक 2, 3 को बरी कर दिया गया।
उक्त अपराध में जांच अधिकारी- सपोनि मनीष बंसोड़, गोरेगांव थे और उक्त अपराध की न्यायिक कार्यवाही सरकारी वकील श्री खण्डेलवाल ने की।…जबकि अदालत में कोर्ट पैरवी के रुप में कामकाज पो. हवा प्रकाश शिरसे ने किया।